नमस्कार दोस्तों आप सभी लोगो का हमारे इस नये आर्टिकल में स्वागत है आज के इस आर्टिकल में हम लोग पूरी दुनिया में क्रिसमस डे 25 दिसंबर को क्यों मनाया जाता है ? क्या है इसका इतिहास इसीसे सम्बंधित जानकारी को जानेंगे तो आप हमारे साथ इस आर्टिकल में अंत तक बने रहें ताकि आपको इस आर्टिकल में बताई गयी सारी जानकारी मिल सके |
Christmas Day 2023: आप सभी लोगो को ये तो पता ही होगा की दुनिया भर में 25 दिसंबर के दिन को क्रिसमस डे के रूप में मनाया जाता है. ये काफी ही अच्छा त्यौहार होता है यह खासतौर पर ईसाई धर्म का त्योहार है, लेकिन हर धर्म के लोग इसे मनाते हैं. क्यूकि ये इतना अच्छा त्यौहार है की इसको छोटे बच्चे से लेकर बड़े लोग भी आनन्द लेते है इसे बड़ा दिन भी कहा जाता है.
Christmas Day 2023, Merry Christmas: ये मन जाता है की क्रिसमस ईसाई धर्म के लोगों का सबसे प्रमुख त्योहार है, जिसे हर साल 25 दिसंबर के दिन क्रिसमस डे के रूप में बड़े ही धूम धाम से मनाया जाता है. एक दिन पहले यानी 24 दिसंबर से ही क्रिसमस की धूमधाम शुरू हो जाती है.
ईसाई धर्म के लोग इस दिन को यीशू मसीह के जन्मदिन के रूप में मनाते हैं. ईसाई धर्म के लिए तो ये त्यौहार बहुत ही महत्वपूर्ण है भारत में भी ईसाई धर्म के साथ अन्य सभी धर्म के लोग क्रिसमस का त्योहार धूमधाम के साथ मनाते हैं. लेकिन क्या आप क्रिसमस के इतिहास और इसके महत्व के बारे में जानते हैं. अगर नही जानते है तो आईये मै आप को बताता हूँ |
आपको सायद ये पता होगा की ईसाई धर्म के लोग क्रिसमस से एक दिन पहले यानी 24 दिसंबर से ही क्रिसमस का पर्व मनाते हैं. 24 दिसंबर की आधी रात को लोग चर्च जाते हैं और यहां विशेष तौर पर पूजा यानी प्रार्थना की जाती है. ईसाई धर्म के लोग अपने प्रभु ईसा मसीह को याद करते हैं. फिर एक दूसरे को क्रिसमस की बधाई देते हैं और तोहफे बांटते हैं. और फिर आपस में एक दूसरे से मिलते हैं |
Christmas Day का महत्व क्या है ?
तो अब विस्तार से जानते हैं एक समय क्रिसमस का पर्व केवल पश्चिमी देश और ईसाई बहुल इलाकों में ही मनाया जाता था. लेकिन आज यह दुनियाभर में धूम धाम से मनाया जाने वाला पर्व बन गया है. क्रिसमस पर्व को लेकर ऐसी मान्यता है कि लोगों को पाप से मुक्त कराने और रोकने के लिए ईश्वर ने अपने बेटे को भेजा था और ईसा मसीह ने लोगों को पाप से मुक्त कराने से संघर्ष में स्वयं के प्राण त्याग दिए.
Christmas Day का इतिहास क्या है ?
Christmas Day 2023: तो अब हम लोग क्रिसमस के इतिहास को विस्तार से जानते हैं | क्रिसमस का इतिहास कुछ साल नहीं बल्कि कई शताब्दी पुराना है. कहा जाता है कि सबसे पहले क्रिसमस रोम देश में धूम धाम से मनाया गया था. लेकिन 25 दिसंबर के दिन को क्रिसमस से पहले रोम में सूर्यदेव के जन्मदिन के रूप में धूम धाम से मनाया जाता था. उस वक्त रोम के सम्राट सूर्यदेव को अपना मुख्य देवता मानते थे और सूर्येदव की अराधना की जाती थी.
लेकिन 330 ई.आते-आते रोम में ईसाई धर्म का प्रचार-प्रसार बहुत तेजी से बढ़ने लगा. रोम में अधिक संख्या में ईसाई धर्म के अनुयायी हो गए. इसके बाद 336 ई. में ईसाई धर्म के अनुयायियों ने ईसा मसीह को सूर्यदेव का अवतार मान लिया और इसके बाद से 25 दिसंबर के दिन को ईसा मसीह के जन्मदिन के रूप में क्रिसमस का त्योहार धूम धाम से मनाए जाने की परंपरा की शुरुआत हुई.
और फिर लोग इस दिन को बुराई पर अच्छाई की जीत के तौर पर मनाते हैं. क्रिसमस का त्योहार ईसाई धर्म के लोगों के लिए नया साल होता है. हर साल की तरह इस साल यानी 2023 में भी क्रिसमस डे 25 दिसंबर को धूम धाम से मनाया जाएगा.
ऐसे ही और लेटेस्ट जानकारी के लिए आप बने रहें हमारे साथ akhabartime.com पर यहाँ पर आपको ऐसे ही लेटेस्ट जानकारी मिलती रहेंगी धन्यवाद |