Chath Puja Date 2023 भारत में प्रत्येक वर्ष छठ पूजा का त्यौहार मनाया जाता है। छठ पूजा का त्यौहार प्रत्येक वर्ष कार्तिक माह में पड़ने वाली शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को मनाया जाता है। छठ पूजा का त्यौहार हिन्दू धर्म के लोग मनाते हैं। छठ पूजा के व्रत में पवित्रता तथा स्वच्छता को विशेष ध्यान दिया जाता है। इस पवित्र त्यौहार के समय हमें बहुत सारे नियमों का का पालन करना होता है। छठ पूजा का त्यौहार दिवाली फेस्टिवल के 6 दिन बाद मनाया जाता है।
आप सभी लोग जानते होंगे कि हमारे भारत को अकसर त्यौहारों का देश कहकर पुकारा जाता है, क्योंकि हमारे भारत देश में अलग-अलग सभ्यता,धर्म और संस्कृति से जुड़े लोग रहते हैं, जो इसे विभिन्न त्यौहारों का गढ़ बनाता है। भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश है, इसी वजह से यहां साल में विभिन्न तरह के त्यौहार मनाये जाते हैं। Chath Puja Date 2023 छठ पूजा हिन्दू धर्म का एक पवित्र त्यौहार है। भारत में छट पूजा बिहार राज्य और उसके उसके आस-पास के क्षेत्रों में मनाई जाती है। छठ पूजा के समय 4 दिनों तक
सूर्य देव की पूजा की जाती है। हिंदू धर्म में छठ पूजा का व्रत मुख्य रूप से महिलाएं रखती हैं। इस दिन महिलाएं अपनी संतान की सलामती और परिवार की खुशहाली के लिए छठ पूजा का व्रत रखती है।
छट पूजा कब मनाया जायेगा ?
छठ पूजा दिवाली के 6 दिन बाद मनाया जाता है। Chath Puja Date 2023 इस साल छठ पूजा पंचांग के अनुसार कार्तिक माह की शुरुआत में 17 नवंबर 2023, शुक्रवार से होगी और 20 नवंबर 2023 को कार्तिक महीने में शुक्ल पक्ष की षष्ठी यानी छठी तिथि को आरंभ होगा। हिंदू धर्म में छठ पूजा के दौरान सूर्य देव की पूजा चार दिनों तक चलती है।
छठ पूजा के पहले दिन क्या होता है ?
छठ पूजा के पहले दिन को नहाय खाय के नाम से जाना जाता है। Chath Puja Date 2023 छठ पूजा के दिन पवित्र नदियों जैसे गंगा आदि में स्नान किया जाता है। इस दिन छठ पूजा का व्रत करने वाली महिलाएं नहाए खाए के दिन केवल एक बार भोजन करती हैं। छठ पूजा के दूसरे दिन को खरना के नाम से जाना जाता है। इस दिन सूर्योदय से लेकर सूर्यास्त तक महिलाएं निर्जला व्रत रखती हैं। फिर सूर्यास्त के तुरंत बाद महिलाएं भोजन बनाकर सूर्य देव को अर्घ्य देने के बाद अपना व्रत खोलती हैं। इसके बाद दूसरे दिन प्रसाद ग्रहण करने के
बाद तीसरे दिन का व्रत शुरू होता है। छठ पूजा के तीसरे दिन भी महिलाएं निर्जला व्रत रखती हैं Chath Puja Date 2023 और इसके साथ ही इस दिन डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है। महिलाओं का तीसरे दिन का उपवास पूरी रात चलता है। छठ पूजा के व्रत का पारण अगले दिन महिलाएं सूर्योदय के बाद करती हैं। छठ पूजा के चौथे और अंतिम दिन महिलाएं उगते सूर्य को अर्घ देती हैं। छठ पूजा के अंतिम दिन को उषा अर्घ्य भी कहा जाता है। महिलाएं सूर्य देव को अर्घ्य देने के बाद अपना व्रत खोलती हैं।
छठ पूजा क्यों मनाया जाता है ?
पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक, लंका के राजा रावण का वध करने के बाद श्रीराम जब पहली बार अयोध्या पहुंचे थे तो उस समय भगवान श्रीराम और मां सीता ने रामराज्य की स्थापना के लिए छठ का उपवास रखा था Chath Puja Date 2023 और उस समय सूर्य देव की पूजा अर्चना की थी। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, छठ व्रत की शुरूआत द्रौपदी से मानी जाती है। छठ पूजा के दिन सूर्य देवता और छठी मैया की बहुत ही विधि विधान से पूजा की जाती है। पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक, छठ पूजा को सतयुग से जोड़ कर देखा जाता है.
ऐसी कई कथा मिलती है इसमें राजा प्रियवंद, भगवान राम, पांडवों के अलावा दानवीर कर्ण की कहानी का जिक्र मिलता है। एक पौराणिक मान्यता के अनुसार, राजा प्रियवंद जब निः संतान थे और उस वजह से वे परेशानी में थे। इस समस्या को लेकर उन्होंने महर्षि कश्यप से बात की और उस समय Chath Puja Date 2023
महर्षि कश्यप ने पुत्र प्राप्ति के लिए यज्ञ कराया। इस यज्ञ में बनाई गई खीर को राजा प्रियवंद की पत्नी को खिलाई गई। उसके बाद उनके यहां एक पुत्र का जन्म हुआ, लेकिन वह मृत पैदा हुआ, Chath Puja Date 2023 इस वियोग में राजा ने
भी अपने प्रण त्याग दिए। उसी समय ब्रह्मा की मानस पुत्री देवसेना ने राजा प्रियवंद से कहा की, मैं सृष्टि की मूल प्रवृत्ति के छठे अंश से उत्पन्न हुई हूं। इसलिए मेरा नाम षष्ठी भी है। Chath Puja Date 2023 अगर तुम मेरी पूजा करो और लोगों में इसका प्रचार करो। उसके बाद राजा ने षष्ठी के दिन विधि विधान से पूजा पाठ किया और उसके बाद उनके यहां पुत्र की प्राप्ति हुई।
छठ पूजा के प्रसाद में क्या-क्या बनता है ?
छठ पूजा के प्रसाद का एक विशेष महत्व होता है। छठ पूजा में कई तरह के प्रसाद चढ़ाये जाते हैं। इस पूजा में सबसे मुख्य ठेकुवे का प्रसाद होता है। छठ पूजा में केला भी चढ़ाया जाता है क्योंकि केला छठी मैया को बहुत पसंद है। Chath Puja Date 2023इसके अलावा और भी कई तरह के प्रसाद चढ़ाये जाते हैं। जैसे कि डाभ नींबू, नारियल, गन्ना, सूथनी, सुपारी, सिंघारा, रसियाव खीर आदि ये सभी प्रसाद चढ़ाये जाते हैं। इन सभी प्रसाद का छठ पूजा में एक अलग ही महत्व होता है।
छठ पूजा में पूजा विधि कैसे की जाती है ?
छठ पूजा के दिन सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठा जाता है और स्नान आदि से निवृत होकर छठ व्रत का संकल्प लिया जाता है। छठ पूजा के लिए कुछ सामग्रियों की विशेष आवश्यकता होती है। Chath Puja Date 2023 माना जाता है कि इन पूजन सामग्रियों के बिना छठ पूजा का पर्व पूरा नहीं होता है। छठ पूजा की पूजन सामग्रियों में बांस की टोकरी, सूप, नारियल, पत्ते लगे गन्ने, अक्षत, सिंदूर, धूप, दीप, थाली, लोटा, नए वस्त्र, नारियल पानी भरा, अदरक का हरा पौधा, मौसम के अनुकूल फल, कलश (मिट्टी या पीतल का) , कुमकुम, पान, सुपारी आदि लगते
हैं। छठ के पूजा विधि में पहले दिन नहाय-खाय, दूसरे दिन खरना, तीसरे दिन शाम में सूर्य अर्घ्य से Chath Puja Date 2023 चौथे दिन सुबह अर्घ्य पर समापन होता है। इस पर्व में मुख्यतः सूर्य देव को अर्घ्य देने का सबसे ज्यादा महत्व माना गया है।
सामान्य पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs) Chath Puja Date 2023
Q.1- छठ पूजा मनाने का क्या कारण है?
इस पर्व को सबसे पहले सूर्यपुत्र कर्ण ने सूर्य की पूजा करके शुरू किया था।
Q.2- छठ पूजा की मान्यता क्या है?
धार्मिक मान्यता है कि इस दिन सूर्य भगवान की उपासना Chath Puja Date 2023 करने से सूनी गोद जल्द ही भर जाती है।
Q.3- छठ माता किसकी पत्नी है?
पुराणों के अनुसार छठी मइया के पति का नाम ‘कार्तिकेय’ है।
Q.4- छठ पूजा कितने देशों में मनाया जाता है?
ज्यादातर भारत में बिहार और नेपाल के मिथिला में मनाया जाता है।
Q.5- छठ माता की सवारी क्या है?
छठी माता का वाहन है बिल्ली।
ऐसे ही ढेर सारे जरुरी सरकारी योजनाओं की जानकारी लेने के लिए जुड़े रहे akhabartime.com के साथ धन्यवाद !